सवाल
मन में उठ्ठा एक सवाल,
आसमॉ गर होता लाल।
मछलियॉ आकाश में उड़ती !
पंछी सब धरती पर चलते !
ईंन्सानों के पंख जो होते !
प्राणी गाते सूर और ताल ।…मन में….
मुकुट जो होता फकीर के सर पे !
और राजा के भिक्षा पात्र !
फ़कीर-साईं होते महाराजा !
महाराजा होते कंगाल !…मन में
सोने की जो खेती होती !
अमृत की जो बारिश होती !
सूरज में जो ठंडक होती !
चंदा बरसाता अगनज्वाल !…मन में !
खून अगर होता बेरंगी !
पानी होता रंगबेरंगी !
महीने कईं हफ़्ते बनाया जाते !
घंटे बन जाते कईं साल !… मन में !
Keep visualizing..coz this will keep the spark of life alive..thnx
સરસ કલ્પના
સારુ છે કે હવે એવુ નથી.. વાંદરા ના હાથ માં અસ્તરો ક્યારેક બહુજ ખતરનાખ હોય છે.
🙂
सोने की जो खेती होती !
अमृत की जो बारिश होती !
Aisa hi to desh tha hamara…..
tabhi to ham gate the,
mere desh ki dharti sona ugle
ugle heere moti…mere desh ki dharti…..
na jane sab kahan kho gaya!
Aur ham sochte rah gaye!!!